Monday, 16 December 2013

क्युं तेरा ख़्वाब, नींद, बेचैनी, सब तेरा,
ये मुल्क जितना तुम्हारा है, उतना मेरा

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एक विजन रखो, बड़ा सोचो, Naysayers को इगनोर करो, कठोर परिश्रम करो और दुनिया को कुछ वापस दो…बदलो इस दुनिया को. क्योंकि अगर हम नहीं तो और कौन? ...