Friday, 13 June 2014

मैं उस एकांत में रहता हूँ जो युवावस्था में तकलीफ देह है , लेकिन परिपक्वता के दिनों में स्वादिष्ट .

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एक विजन रखो, बड़ा सोचो, Naysayers को इगनोर करो, कठोर परिश्रम करो और दुनिया को कुछ वापस दो…बदलो इस दुनिया को. क्योंकि अगर हम नहीं तो और कौन? ...