Tuesday, 6 August 2013

हिंदी स्वभाव से ही सामाजिक समानता की पक्षधर है.. इसमे कोई भी अक्षर कैपिटल या स्माल नही होता..! ॐॐॐ

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एक विजन रखो, बड़ा सोचो, Naysayers को इगनोर करो, कठोर परिश्रम करो और दुनिया को कुछ वापस दो…बदलो इस दुनिया को. क्योंकि अगर हम नहीं तो और कौन? ...