मनोचिकित्सकों का कहना है की ........
अगर कोई इन्सान बहुत हंसता है , तोअंदर से
वो बहुत अकेला है
अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से
वो बहुत उदास है
अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूतदिखाता है
और रोता नही , तो वो अंदर से बहुत कमजोर है
अगर कोई जरा जरा सी बात पर रो देताहै
तो वो बहुत मासूम और नाजुक दिल का है
अगर कोई हर बात पर नाराज़ हो जाता है
तो वो अंदर से बहुत अकेला और जिन्दगी में
प्यार की कमी महसूस करता है
लोगों को समझने की कोशिश
कीजिये,जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती,
लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए
कितने खास हैं
हम सब एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं
जहाँ नकली नीबू को वेलकम ड्रिंक में
डाला जाता है और असली नीबू को हाथ धोने के
लिए फिंगर बाउल म
अगर कोई इन्सान बहुत हंसता है , तोअंदर से
वो बहुत अकेला है
अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से
वो बहुत उदास है
अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूतदिखाता है
और रोता नही , तो वो अंदर से बहुत कमजोर है
अगर कोई जरा जरा सी बात पर रो देताहै
तो वो बहुत मासूम और नाजुक दिल का है
अगर कोई हर बात पर नाराज़ हो जाता है
तो वो अंदर से बहुत अकेला और जिन्दगी में
प्यार की कमी महसूस करता है
लोगों को समझने की कोशिश
कीजिये,जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती,
लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए
कितने खास हैं
हम सब एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं
जहाँ नकली नीबू को वेलकम ड्रिंक में
डाला जाता है और असली नीबू को हाथ धोने के
लिए फिंगर बाउल म
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