Monday, 22 July 2013

हम बदलाव की शुरुआत अपने घरों ,आस – पड़ोस की जगहों , बस्तीयों ,गावों, और स्कूलों से कर सकते हैं .

हम बदलाव की शुरुआत अपने घरों ,आस – पड़ोस की जगहों , बस्तीयों ,गावों, और स्कूलों से कर सकते हैं .

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एक विजन रखो, बड़ा सोचो, Naysayers को इगनोर करो, कठोर परिश्रम करो और दुनिया को कुछ वापस दो…बदलो इस दुनिया को. क्योंकि अगर हम नहीं तो और कौन? ...