Tuesday, 30 July 2013

मेरी भाषा तुम्हारी भाषा, मेरा धर्म तुम्हारा धर्म, मेरी जाति तुम्हारी जाति, मेरा देश तुम्हारा देश.....यह सब संकीर्ण विचारों की पहचान है. विस्तृत सोच वाले व्यक्ति सम्पूर्ण पृथ्वी को अपना घर मानते है.

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एक विजन रखो, बड़ा सोचो, Naysayers को इगनोर करो, कठोर परिश्रम करो और दुनिया को कुछ वापस दो…बदलो इस दुनिया को. क्योंकि अगर हम नहीं तो और कौन? ...